RANCHI : झारखण्ड के 81 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव सम्पन्न हो गए हैं. 23 दिसम्बर को मतों की गणना की जाएगी. इसके बाद ही पता चल पायेगा की झारखण्ड में किसकी सरकार बनेगी. झारखण्ड में रघुवर सरकार की वापसी होगी या हेमंत सोरेन सरकार बनाने में कामयाब होंगे. इस बीच टीवी चैनलों की ओर से एग्जिट पोल में अलग-अलग दावे किये जा रहे हैं. वहीँ अलग-अलग पार्टियों की ओर से अपने-अपने जीत के दावे के किये जा रहे हैं.
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आज रांची में झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर स केंद्रीय कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया. इस मौके पर पटना में आरजेडी के बंद के दौरान भारी बवाल, प्रदर्शनकारियों और स्थानीय लोगों में भिड़ंत, कई लोगों को लगी गोली कहा कि लोकतंत्र के महापर्व चुनाव की प्रक्रिया समाप्त हो गयी. झारखण्ड की जनता में पांच साल के आक्रोश थे. लोगों में बदलाव की छटपटाहट थी. इसके मद्देनजर राज्य में शांतिपूर्ण तरीके से भीषण ठंड में भी पूरे उत्साह के साथ झारखंड की जनता ने वोट किया. उन्होंने कहा की पांच चरण के चुनाव के संपन्न होने के बाद मीडिया ने एग्जिट पोल पेश किया है.
एग्जिट पोल पर कोई संदेह प्रकट नहीं करते हैं. इस बार के चुनाव ने भाजपा के लिए विदाई और सत्ता से बाहर जाने का रास्ता तय कर दिया है. उन्होंने कहा की चुनाव आयोग पर भी हमें कोई संदेह नहीं है. आज झामुमो ने निर्वाचन आयोग से मिलकर अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. एन. झा को पत्र दिया है.
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पत्र में झामुमो ने चिंता जाहिर किया है कि EVM इंजीनियर एवं तकनीशियन के ऊपर कड़ी निगरानी रखी जाए. ईवीएम में खराबी होने की सूचना पर उपायुक्त सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को EVM इंजीनियर एवं तकनीशियन के साथ कक्ष में जाने की अनुमति दिया जाए. वहीं ईवीएम इंजीनियरों एवं तकनीशियन के बैठने के लिए चिन्हित कक्ष में राजनीतिक दल के एक-एक प्रतिनिधि को भी सम्मिलित किया जाए.
रांची से कुंदन की रिपोर्ट