PATNA : वायु प्रदूषण मामले में राष्ट्रीय स्तर पर बदतर रैंकिंग पाने वाले पटना शहर की स्थिति खराब करने में 15 वर्ष पुराने वाहनों का स्थान जबरदस्त है। राजधानी पटना में पिछले 3 सालों में ढाई गुना से भी ज्यादा वायु प्रदूषण बढ़ा है। 2016 में जहां वायु प्रदूषण का मानक 122.5 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था, वहीं 2018 में 118.16 हो गया।
गौरतलब है कि वायु प्रदूषण के मानक के अनुसार शहर की वायु में धूल कण की औसत वार्षिक मानक 44 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर होनी चाहिए। लेकिन राजधानी में ऐसा नहीं है। इसे देखते हुए प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने एडवाइजरी जारी करते हुए कहा है कि अगर 15 वर्ष पुराने वाहन नहीं हटाए गए तो आने वाले समय में राजधानी में वायु प्रदूषण की स्थिति खतरनाक हो जाएगी। जो लोगों के सेहत को खतरे में डाल देगी।
गौरतलब है कि पटना में 15 वर्ष पुराने वाहनों की भरमार है। धुआं उगलते पुराने वाहनों की वजह से वायु प्रदूषण का स्तर और खराब हो रहा है।
बता दें कि दिल्ली और कोलकाता जैसे शहरों में 15 वर्ष पुराने वाहन प्रतिबंधित कर दिए हैं। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने दिल्ली में 10 वर्षों से अधिक पुराने वाहनों को भी हटा दिया है। इस आधार पर प्रदूषण नियंत्रण परिषद ने बिहार सरकार से कहा है कि ट्रांसपोर्ट सिस्टम को बेहतर करते हुए 15 वर्ष से अधिक पुराने वाहनों को हटा दे। नहीं तो आने वाले ठंड के मौसम में वायु प्रदूषण की स्थिति और खतरनाक हो जाएगी।