PATNA : पेंडिंग मुकदमों की संख्या लगातार बढ़ते जा रही है. बढ़ती मुकदमेबाजी ने इस विभाग का दम फुला कर रख दिया है. जी हां बता दें कि राज्य सरकार के कई विभागों के द्वारा समय पर काम नहीं करने या फिर उस पर मुकदमा दायर होने. उसके बाद समय पर जवाब न देने से मामला उलझता चला जा रहा है. यानी बिहार सरकार के करीब-करीब विभागों में मुकदमों की संख्या लगातार बढ़ती चली जा रही है.
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मुकदमों की बढ़ती संख्या से संबंधित विभाग भले ही परेशान न हो. लेकिन बढ़ते मुकदमे बाजी से परेशान विधि विभाग ने प्रधान सचिव ,कमिश्नर और डीएम को पत्र लिखकर कहा है की मुकदमों से संबंधित स्थिति में सख्त सुधार करें. विधि सचिव मदन कुमार कौशिक ने सभी विभागों के प्रधान सचिव, सचिव, आयुक्त, डीएम समेत अन्य अधिकारियों को लिखे पत्र में कहा है कि न्यायालय के आदेश का अनुपालन ढंग से किया जाए. ताकि विभाग न्यायालय की अवमानना से बच सकें. साथ ही यह भी कहा गया है की बिहार राज्य मुकदमा नीति 2011 के प्रावधानों का भी सही ढंग से बिहार सरकार के विभिन्न विभागों के द्वारा अनुपालन नहीं किया जा रहा है. जिसका परिणाम यह है की सरकार मुकदमा हार जा रही है. एक तरफा फैसला से सरकार को झटका पर झटका लग रहा है.
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विधि विभाग के द्वारा जब मुकदमों की समीक्षा की गई तो यह पाया गया कि जिन मामलों में समय पर अपील की जरूरत होती है. उसे विभाग के द्वारा दायर नहीं किया जाता है या फिर जिन मामलों में विधि परामर्श की आवश्यकता होती है. उसे भी विभाग लेना उचित नहीं समझते हैं. कई बार तो ऐसा देखा गया है कि एक फाइल को निपटाने में महीनों का समय लग जाता है और इस स्थिति में न्यायालय के स्तर से मुकदमों को खारिज कर दिया जाता है. इतना ही नहीं विभागीय लापरवाही की वजह से सरकार मुकदमा हारती है. इस स्थिति में सरकारी राजस्व का काफी नुकसान उठाना पड़ता है. साथ ही सरकार के लापरवाही का संदेश भी आम लोगों के भी जाता है विधि विभाग ने पत्र जारी करते हुए कहा है की विभाग मुकदमों को लेकर लापरवाही ना बरतें.