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बालू लूट में और अधिकारी नपेंगे, परिवहन-खनन के स्थानांतरित अफसरों पर भी नजर! इधर CM नीतीश बोले- किसी को नहीं छोड़ेंगे

बालू लूट में और अधिकारी नपेंगे, परिवहन-खनन के स्थानांतरित अफसरों पर भी नजर! इधर CM नीतीश बोले- किसी को नहीं छोड़ेंगे

PATNA: बालू से कमाई करने वाले अधिकारियों पर सीएम नीतीश ने करारा प्रहार किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गड़बड़ी होने नहीं देंगे। एक-एक चीज पर नजर रखे हुए हैं. सरकारी तंत्र में गड़बड़ी करने वालों को छोड़ते हैं क्या... कार्रवाई हुई तो कुछ लोगों को पता चला न....। मुख्यमंत्री ने आज ताकतवर समझने वाले उन अधिकारियों को साफ मैसेज दिया कि अगर गड़बड़ किया तो छोड़ेंगे नहीं। सीएम नीतीश ने कहा कि अभी उस पर पूछताछ हो रहा,एक्शन हो रहा,जांच जारी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साफ कर दिया कि जांच जारी है, पूछताछ में जो भी बातें सामने आयेंगी उस पर एक्शन लिया जाएगा। 

CM नीतीश ने चेताया

सीएम नीतीश ने कहा कि अवैध बालू खनन न हो इसके लिए सरकारी पूरी कोशिश कर रही है। डीएम-एसपी को इस पर नजर रखने को कहा गया है। अवैध बालू खनन के सवाल पर सीएम नीतीश ने कहा कि इसको लेकर पूरी तरह से कार्यवाही की जा रही है.गड़बड़ी करने वालों को डिटेक्ट कर उन पर कार्रवाई की जा रही है.एक बैठक हुई है जिसमें कहा गया है कि गड़बड़ बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे। विभाग और पुलिस की तरफ से भी इस मामले की पूरी छानबीन की जा रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हम बराबर कहते हैं कि कुछ न कुछ गड़बड़ करने वाले लोग गड़बड़ ही करते हैं .इसके समाधान को लेकर काम किया जा रहा है. सरकार का प्रयास है कि किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी नहीं हो. सभी जिलों के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ऐसी चीजों पर नजर रख रहे हैं. गड़बड़ी करने वालों को डिटेक्ट कर उन पर कार्रवाई की जा रही है.

41 अधिकारियों पर कार्रवाई

बता दें, बालू के अवैध खनन में संलिप्तता के आधार पर भोजपुर और औरंगाबाद के एसपी को हटा दिया गया है। वहीं पालीगंज समेत चार एसडीपीओ,एक एसडीओ को मुख्यालय अटैच किया गया। जबकि दो डीटीओ और तीन एमवीआई पर कार्रवाई की गई है। बालू खनन में मिलीभगत के आरोप में कुल 41 अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है। हालांकि कई अधिकारी बच निकलने में कामयाब भी रहे हैं।पटना की बात करें तो पालीगंज एसडीपीओ को हटा दिया गया है। वहीं पटना डीटीओ और दो एमवीआई को अवैध बालू के परिवहन  में मिलीभगत के आरोप में हटा दिया गया। हालांकि इसमें डीटीओ और एमवीआई तो नप गये लेकिन बीच वाले अफसर एडीटीओ जिनपर अवैध परिवहन में लगी गाड़ियों को जब्त करने या फाइन का जिम्मा था वो बच निकले. विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अब भी परिवहन-खनन के करीब 10 अधिकारी रडार पर हैं। जांच में सबूत मिले तो उन पर कार्रवाई संभव है। खनन विभाग के मंत्री जनक राम ने भी कहा है कि अभी जांच जारी है कई अधिकारी रडार पर हैं. 

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डीटीओ-एमवीआई के बीच वाले अधिकारी (ADTO) बच निकले 

पटना जिले की बात करें तो बालू खनन में संलिप्तता के आरोप में डीटीओ और दो एमवीआई पर कार्रवाई की गई है। हालांकि इस कार्रवाई में एडीटीओ बच गये। पटना में डीटीओ,एडीटीओ,तीन एमवीआई और चलंत दस्ता के रूप में 5 परिवहन दारोगा तैनात हैं। आर्थिक अपराध इकाई की जांच के आधार पर डीटीओ पुरूषोत्तम, एमवीआई विवेक कुमार और पटना से गया में पदस्थापित किये गये मृत्युंजय कुमार सिंह को हटाया गया। हालांकि कम ही लोग जानते थे कि पटना जिले में एडीटीओ की भी तैनाती थी। विभागीय सूत्रों ने बताया कि पटना के एडीटीओ लाल ज्योतिनाथ शाहदेव भी महत्वपूर्ण जिम्मा संभाल रहे थे। उन पर भी बालू की अवैध ढुलाई करने वाले वाहनों पर नजर रखने की जिम्मेदारी थी। बालू के अवैध खनन में संलिप्त अधिकारियों पर कार्रवाई की गुंज सुनाई देने से पहले ही पटना के एडीटीओ लाल ज्योतिनाथ शाहदेव को मुजफ्फरपुर का डीटीओ बना दिया गया। गृह विभाग ने 9 जुलाई को बालू खनन में संलिप्त अधिकारियों पर कार्रवाई को लेकर पत्र भेजा। इधर  परिवहन विभाग ने 12 जुलाई को पटना एडीटीओ को मुजफ्फरपुर डीटीओ के पद पर पदस्थापन के संबंध में आदेश जारी कर दिया। जैसे ही कार्रवाई की भनक लगी पटना के एडीटीओ ने आनन-फानन में 14 जुलाई को मुजफ्फरपुर डीटीओ का कार्यभार संभाल लिया. 

औरंगाबाद की बात करें तो औरंगाबाद के एसपी सुधीर कुमार पोरिका को हटाया गया. वहीं औरंगाबाद सदर के एसडीपीओ अनुप कुमार को भी पुलिस मुख्यालय बुला लिया गया. जिले के डीटीओ अनिल कुमार सिन्हा जो रोहतास के भी प्रभार में थे उन्हें भी हटा दिया गया .वहीं रोहतास के अनुमंडल पदाधिकारी सुनील कुमार सिंह भी बालू के अवैध खनन के आरोप में नप गये. औरंगाबाद की बात करें तो जिले के एसपी,एसडीपीओ व डीटीओ नप गये। हालांकि बालू के अवैध परिवहन रोकने,जब्त या फाइन करने वाले अफसर यानी एमवीआई जांच की जद में आने से बच गये। 30 जून तक औरंगाबाद  के एमवीआई रहे उपेन्द्र राव को स्थानांतरित कर पूर्णिया भेजा गया है। उन्हें पूर्णिया के साथ -साथ मधेपुरा का भी चार्ज दिया गया।

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