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बालू की 'मलाई' खाने में हटाये गये 'MVI' पर कई संगीन आरोप, जाली कागजात पर 'नौकरी' मामले की चल रही सुनवाई

बालू की 'मलाई' खाने में हटाये गये 'MVI' पर कई संगीन आरोप, जाली कागजात पर 'नौकरी' मामले की चल रही सुनवाई

PATNA: बिहार सरकार ने परिवहन विभाग के अधिकारियों पर बड़ी कार्रवाई की है। बालू खनन में संलिप्तता के बाद सरकार ने दो डीटीओ को हटा दिया है। वहीं एक एमवीआई को सस्पेंड किया है, जबकि दो को मुख्यालय अटैच किया है। वैसे परिवहन विभाग का विवादों से गहरा रिश्ता है। विभाग के कई डीटीओ-एमवीआई पर अनेक तरह के गंभीर आरोप हैं। पटना डीटीओ में करोड़ो के घोटाले की जांच तो अभी चल ही रही है। बड़ी मछली पर विभाग ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है। वहीं बालू के अवैध खनन में माल उगाही में गया से हटाये गये एमवीआई मृत्युंजय कुमार सिंह जो 30 जून 2021 तक पटना में पदस्थापित थे उन पर कई अन्य गंभीर आरोप हैं। दूसरे जिले के थाने में बंद ट्रक को दुरूस्ती प्रमाण देने के मामले में जांच के अलावे खुद की बहाली में ही फर्जीवाड़ा करने के आरोप लगे हैं. एमवीआई मृत्युंजय कुमार सिंह पर फर्जी कागजात के आधार पर नौकरी लेने का आरोप है। ट्रक ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष की शिकायत पर विभागीय लोक शिकायत पदाधिकारी के यहां सुनवाई चल रही है। 

पटना के एमवीआई पर सनसनीखेज आरोप पर सुनवाई

दरअसल बिहार ट्रक ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष भानू शेखर सिंह ने पटना के एमवीआई मृत्युंजय कुमार सिंह के खिलाफ सबूतों के पुलिंदा के साथ 2020 में ही परिवहन विभाग में कंप्लेन किया था। अध्यक्ष ने आरोप लगाया था कि पटना के एमवीआई मृत्युंजय कुमार सिंह फर्जी कागजात पर नौकरी कर रहे हैं. बहाली के समय जो कागजात दिये थे वो फर्जी था। अध्यक्ष भानू शेखर सिंह ने परिवहन विभाग के सचिव को भेजे शिकायती पत्र में फर्जीवाड़े की पूरी पोल खोली थी और इस संबंध में एमवीआई मृत्युंजय कुमार सिंह के ड्राइविंग लाइसेंस की असली कॉपी,फर्जी लाईसेंस की कॉपी, सासाराम डीटीओ और पटना के तत्कालीन डीटीओ का जांच प्रतिवेदन,बिहार कर्मचारी चयन आयोग का 2007 का जांच प्रतिवेदन उपलब्ध कराया था। बिहार ट्रक ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष से सबूतों के आधार पर जांच कर सेवा से बर्खास्त करने और अर्जित सरकारी संपत्ति की वसूली करने और केस दर्ज करने की मांग की थी। 

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परिवहन विभाग ने जनवरी 2021 में पूछा था शो-कॉज

इस सनसनीखेज खुलासे के बाद परिवहन विभाग ने  9 नवंबर 2020 को ही पटना के एमवीआई  से स्पष्टीकरण समर्पित करने के संबंध में पत्र भेजा । लेकिन एमवीआई ने इस संबंध में कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद परिवहन विभाग ने 5 जनवरी 2021 को फिर से एमवीआई मृत्युंजय कुमार सिंह से शो-कॉज पूछा। परिवहन विभाग के उप सचिव ने एमवीआई को दिये शो-कॉज नोटिस में उल्लेख किया कि ट्रक ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष की तरफ से नियुक्ति के संबंध में परिवाद पत्र दिया गया है. 9 नवंबर 2020 के द्वारा आपको 1 सप्ताह के अंदर आरोप के संबंध में स्पष्टीकरण समर्पित करने का निर्देश दिया गया था, किंतु आपके द्वारा जवाब समर्पित नहीं किया गया .उल्लेखनीय है कि भानु शेखर प्रसाद द्वारा विभागीय लोक शिकायत पदाधिकारी के यहां भी परिवाद पत्र दाखिल किया गया है .वहां भी इस मामले की सुनवाई चल रही है.आपको निर्देश दिया जाता है कि परिवाद पत्र में उल्लेखित बिंदुओं पर अपना स्पष्टीकरण 3 दिनों के अंदर समर्पित करें अगर ऐसा नहीं करते हैं तो समझा जाएगा उक्त मामले में आपको कुछ नहीं करना है.इसके बाद विभाग द्वारा इस संबंध में विधि सम्मत अग्रसर कार्रवाई करेगा। 


एमवीआई ने आरोपों को बताया था गलत

परिवहन विभाग की तरफ से दुबारा शो कॉज नोटिस भेजे जाने के बाद पटना के तत्कालीन एमवीआई मृत्युंजय कुमार सिंह ने जवाब भेजा था. एसवीआई ने जनवरी 2021 में ही परिवहन विभाग के उप सचिव के शो-क़ॉज का जवाब सौंपा। एमवीआई ने अपने जवाब में उल्लेख किया कि जो आरोप लगाये गए हैं वो पूरी तरह से गलत हैं। 

आवेदक ने विस्तृत सबूत लोक शिकायत पदाधिकारी को सौंपा

इधर, बिहार ट्रक ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष भानू शेखर सिंह की शिकायत पर परिवहन विभाग के विभागीय लोक शिकायत पदाधिकारी के यहां सुनवाई चल रही है। लोक शिकायत पदाधिकारी ने आवेदक से आरोप के संबंध में प्रमाण मांगे हैं। लोक शिकायत पदाधिकारी ने परिवादी से मांगा है कि एमवीआई का ड्राईविंग लाईसेंस  फर्जी है तो उसका प्रमाण दें। वहीं अन्य आरोपों के संबंध में भी प्रमाण मांगा गया है। परिवादी ने एमवीआई मृत्युंजय सिंह के खिलाफ लगाये गए आरोपों के संबंध में विस्तृत प्रमाणिक सबूत लोक शिकायत पदाधिकारी को सौंप दिया है। वहीं विभागीय लोक शिकायत पदाधिकारी ने आरोपी एमवीआई से भी पक्ष में प्रमाण सौंपने को कहा है।

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