PATNA: बिहार में बालू के अवैध खनन में अधिकारियों की मिलीभगत की बात प्रमाणित हो गई। डीजीपी ने ईओयू से जांच कराई तो एसपी से लेकर थानेदार,एसडीओ से लेकर परिवहन विभाग और खनन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत का खुलासा हुआ।सरकार के सख्त रूख के बाद आज दो एसपी को हटा दिया है। वहीं एक एसडीओ दो डीटीओ,तीन एमवीआई पर कार्रवाई की गई। वहीं अब खनन विभाग के दो निरीक्षकों की सेवा वापसी के बाद कार्रवाई करने के लिए सहकारिता विभाग के सचिव को पत्र लिखा गया है।
खान निरीक्षकों ने भी बहती गंगा में धोया हाथ
खान एवं भूतत्व विभाग ने दो सहकारिता प्रसार पदाधिकारी की सेवा को वापस कर दिया है. दोनों अधिकारी खान एवं भूतत्व विभाग में खान निरीक्षक के पद पर पदस्थापित थे. सहकारिता विभाग के सचिव को लिखे पत्र में खान एवं भूतत्व विभाग के संयुक्त सचिव ने बताया है कि गृह विभाग नैनो जुलाई को बालू के अवैध उत्खनन एवं गैर कानूनी व्यापार के संबंध में रंजीत कुमार एवं मधुसूदन चतुर्वेदी जो खान निरीक्षक के पद पर पदस्थापित हैं उनके बारे में प्रमाण दिया। रंजीत कुमार जिला खनन कार्यालय भोजपुर एवं मधुसूदन चतुर्वेदी सारण में पदस्थापित थे.
खनन विभाग को खान निरीक्षकों पर कार्रवाई का अधिकार नहीं
गृह विभाग के पत्र में कहा गया कि वे अपने अवैध बालू खनन में संलग्न लोगों को मदद पहुंचाने एवं भ्रष्टाचार में लिप्त पाये गये। डीजीपी ने भी अवैध खनन एवं परिवहन में संलिप्त भ्रष्ट पदाधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई करने का अनुरोध किया है. इन पदाधिकारियों की वार्ता की ऑडियो क्लिप, सीडीआर विश्लेषण, आसूचना संकलन एवं स्थानीय जांच के आधार पर पदाधिकारियों के भ्रष्टाचार में संलिप्त होने का प्रमाण पाया गया है. इन पदाधिकारियों का पैतृक विभाग सहकारिता विभाग है। खनन विभाग ने सहकारिता विभाग के सचिव से कार्रवाई करने का आग्रह किया है।