BAGAHA : नेपाल के तराई क्षेत्र सहित जिले में लगातार तीन दिनों तक हुई बारिश के बाद गंडक नदी का जलस्तर बढ़ गया है. इससे बगहा के दियारा के निचले इलाकों में तबाही मच गयी है. दियारा के ठकराहा प्रखंड के धुमनगर में कटाव तेज़ हो गया है. बताया जा रहा है कि खेती की जमीन के साथ कई घर और पेड़-पौधे नदी में विलीन हो चुके हैं.
जलस्तर में बढ़ोतरी होने से यूपी बिहार सीमा पर एपी तटबंध पर लगातार गंडक का दबाव और कटाव से बड़ा ख़तरा नजर आ रहा है. इधर जल संसाधन विभाग की ओर से अब तक कोई भी बचाव राहत कार्य शुरू नहीं किया गया है. गंडक नदी के कटाव से दहशत के कारण ग्रामीणों का ऊंचे स्थानों और यूपी की ओर पलायन जारी है.
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उधर पश्चिम चंपारण जिला के ठकराहां प्रखंड के धूमनगर में कटाव थम नही रहा है. नदी की धारा यूपी स्थित अमवा खास तटबंध के पटरी पर बह रही है. जलधारा में तीव्र बैकरोलिंग हो रही है. बचाव कार्य बेअसर साबित हो रहा है. देखते-देखते गंडक नदी की जलधारा ने ठकराहा प्रखंड के धुमनगर के कृषि योग्य जमीन और दर्जनों घरों को अपने आगोश में ले लिया है और अब नदी का सीधा दबाव अमवा खास तटबंध पर कायम है.
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बताते चलें कि अमवा खास बांध के प्वाइंट 7 किमी से 8.50 किमी के बीच नदी की धारा करीब नब्बे डिग्री पर हो गई है. गंडक के प्रचंड तेवर से एक एक करके अमवा खास तटबंध के सुरक्षा के लिए बनाये गये यूपी सीमा स्थित ठोकर नदी मे विलिन हो रहा है. तटबंध के नदी के जद मे आने की संभावना को देखते हुए उसके समीप यूपी स्थित लक्ष्मीपुर गाँव के लोग अपना सामान लेकर तेजी से सुरक्षित जगहों के लिए पलायन कर रहे हैं. वहीँ ठकराहा प्रखंड के लोग बाढ़ की त्रासदी से भयभीत है. गंडक के बिगड़ते और भयावह रुख को देखते हुए कुशीनगर बाढ़ खंड के अधिकारी शुरू में सक्रिय हुए लेकिन लोगों को कुशीनगर बाढ़ खंड के अधिकारियों पर भरोसा नही है. यही वजह है कि अमवा खास तटबंध के नीचे यूपी स्थित लक्ष्मीपुर गाँव के लोग सुरक्षित स्थान के लिए पलायन कर गए. अब एपी बांध के करीब बिहार के ठकराहा प्रखंड के धुमनगर नवका टोला में ग्राम सचिव भवन और पैक्स गोदाम भी नदी के जद में आने से दियारा के निचले इलाकों में लोगों की मुसीबत बढ़ गई है. ग्रामीण प्रशासन और जल संसाधन विभाग की लापरवाही और अनदेखी से नाराज़ बांध ऊंचे स्थानों और यूपी की ओर पलायन करने को मजबूर हैं.
बगहा से माधवेन्द्र पाण्डेय की रिपोर्ट