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नई भूमि निबंधन प्रक्रिया में बेटियों की नही होगी हकमारी, भाई अगर जमीन बेचे तो बहनों की रजामंदी जरूरी

नई भूमि निबंधन प्रक्रिया में बेटियों की नही होगी हकमारी, भाई अगर जमीन बेचे तो बहनों की रजामंदी जरूरी

PATNA : बिहार में 2 अक्टूबर से भूमि निबंधन की प्रक्रिया पूरी तरह से बदल जाएगी। जमीन बेचने वाले तभी अपनी जमीन बेच पाएंगे जब उनके नाम से दाखिल खारिज होगी। अगर पुश्तैनी जमीन बेचनी है तो उसके पहले पारिवारिक बटवारा करना होगा।

बंटवारे के बाद जमीन का दाखिल खारिज होना जरूरी है। जमीन निबंधन के दस्तावेज में अपनी संपत्ति का पूरा ब्यौरा देना होगा, लेकिन इस पूरी प्रक्रिया में बेटियों की हक मार ही नहीं हो पाएगी। भाई अगर जमीन बेचना चाहता है तो बहनों का हिस्सा सुरक्षित रखना होगा या फिर उसकी रजामंदी जरूरी होगी।

निबंधन विभाग ने इसके लिए अपने सिस्टम में बदलाव किया है। जमीन की खरीद बिक्री के लिए जैसे ही सिस्टम में लोड किया जाएगा। कंप्यूटर सबसे पहले दाखिल खारिज का नंबर मांगेगा। निबंधन दस्तावेज में अपनी संपत्ति की जमाबंदी संख्या जमाबंदी जेल संख्या और जमाबंदी पृष्ठ संख्या की जानकारी देनी होगी।

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बता दें कि बिहार में जमीन के झगड़े को कम करने को लेकर बिहार सरकार नया नियम ला रही है। मुख्यमंत्री लगातार यह कहते रहे हैं कि बिहार में अधिकांश झगड़े और जो हिंसा की खबरें सामने आ रही है, उसके पीछे जमीनी विवाद होता है। इसलिए जमीन की खरीद बिक्री में पारदर्शिता लाने को लेकर बिहार में 2 अक्टूबर से नई जमीन निबंधन प्रक्रिया लागू की जा रही है।

विवेकानंद की रिपोर्ट

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