पटनाः जीएसटी कर संग्रह में आ रही कमी के मद्देनजर चालू वित्तीय वर्ष के अंतिम तीन महीने में करवंचकों पर शिकंजा कसा जा रहा है। उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बताया कि बड़े पैमाने पर फर्जी निबंधन को रद्द करने के साथ ही आगे की कार्रवाई के लिए ऐसे करदाताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश भी दिया गया है।मोदी ने बताया कि छह महीना से अधिक से जीएसटी रिटर्न दाखिल नहीं करने वाले 73,923 करदाताओं को चिन्हित किया गया है जिनमें से 6,995 का निबंधन रद्द कर दिया गया है। 31 दिसम्बर तक अभियान चला कर शेष सभी का निबंधन भी रद्द कर दिया जायेगा।
बिजनेस इंटेलिजेंस के द्वारा 84 ऐसे करदाताओं की पहचान की गई है जिन्होंने 1,921 करोड़ रुपये मूल्य के फर्जी बिल पर माॅल मंगाना दिखाया हैं। इनमें से 77 का निबंधन रद्द कर दिया गया है। फर्जी बिल और इनवाॅयस पर इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश भी दिया गया है। इसके साथ ही लगातार दो कर अवधि का रिटर्न दाखिल नहीं करने वाले 78,885 करदाताओं के ई-वे बिल को भी रोक दिया गया है।
बड़े पैमाने पर मिल रही शिकायतों के मद्देनजर नए निबंधन करा कर फर्जी बिल के आधार पर खास कर आयरन एंड स्टील, कोयला, तम्बाकू व पान मसाला आदि के व्यापार दिखाने वाले 6,117 ऐसे करदाता चिन्हित किए गए हैं जिनके परिसर का भौतिक सत्यापन किया जा रहा है। इनमें से अब तक 594 के निरीक्षण में 44 फर्जी पाए गए हैं।