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जिस राजनेता के नाम से भ्रष्ट नेता-अधिकारी खाते थे खौफ....चारा घोटाला समेत कई स्कैम उजागर करने वाले सरयू राय का BJP ने काट दिया टिकट !

जिस राजनेता के नाम से भ्रष्ट नेता-अधिकारी खाते थे खौफ....चारा घोटाला समेत कई स्कैम उजागर करने वाले सरयू राय का BJP  ने काट दिया टिकट !

RANCHI: बीजेपी ने अपने वरिष्ठ नेता और पशुपालन घोटाले का भांडाफोड़ करने वाले सरयू राय को बेटिकट कर दिया।वही सरयू राय जिसने पशुपालन घोटाला,अलकटरा घोटाला से लेकर झारखंड बनने पर खनन घोटाले को उजागर कर सनसनी फैला दी थी ।जिस शख्स के नाम मात्र से हीं भ्रष्ट अधिकारियों में खौफ साफ-साफ दिखता था,उसी नेता को बीजेपी ने टिकट काट दिया।

दो विस क्षेत्रों से खरीदा नामांकन पत्र

बीजेपी ने झारखंड चुनाव को लेकर अब तक 72 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की है,उसमें सरयू राय का नाम शामिल नहीं है।लिहाजा झारखंड में पार्टी की रीढ़ रहे सरयू राय ने भी मान लिया है कि पार्टी को अब उनकी जरूरत नहीं।इसलिए पार्टी ने उन्हें टिकट देना मुनासिब नहीं समझा है।लिहाजा आज उन्होंने अपना मुंह खोला है और कहा है कि आज तक मैं बीजेपी में हूं लेकिन कल क्या होगा पता नहीं......।जानकारी के अनुसार उन्होंने जमशेदपुर पूर्वी और पश्चिमी दोनों विस क्षेत्र के नामांकन का पर्चा ले लिया है।

सरयू राय को पचा नहीं पाया नया नेतृत्व

बता दें कि 2014 में सरयू राय ने जमशेदपुर पश्चिम सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीते थे।उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार बन्ना गुप्ता को 10517 वोटों से हराया था। झारखंड में बीजेपी की सरकार बनने के बाद उन्हें खाद्य़ उपभोक्ता मंत्री की जिम्मेदारी दी गई थी।बतौर मंत्री रहते हुए भी वे लगातार सरकार की गलत नीतियों का विरोध करते रहे।कई दफे उन्होंने मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखकर सरकार की गलत नीतियों को उजागर कर दिया।झारखंड में व्याप्त अफसरशाही को लेकर भी वे लगातार सवाल उठाते रहे।सरयू राय के इस तेवर को सीएम रघुवर दास समेत कई नेताओं को ठीक नहीं लग रहा था। जानकारों का कहना है कि सरयू राय के तल्ख तेवर को पार्टी के नेता पचा नहीं पा रहे थे।लिहाजा एक बड़ा गुट इस बार किसी भी कीमत पर उन्हें टिकट से बेदखल करना चाहता था।केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष झारखंड के बड़े नेताओं ने लॉबिंग की।लिहाजा अब तक चार लिस्ट जारी हो गए लेकिन सरयू राय को उसमें जगह नहीं मिली।वे अब तक पार्टी के निर्णय की प्रतीक्षा करते रहे।लेकिन शनिवार को चौथा लिस्ट जारी होने के बाद उन्होंने अपनी चुप्पी तोड़ी है।

जानिए कद्दावर नेता सरयू राय के बारे में

 रघुवर दास सरकार में मंत्री सरयू राय ने 1994 में सबसे पहले पशुपालन घोटाले का भंडाफोड़ किया था।भले हीं बिहार के कुछ नेता पशुपालन घोटाले के खुलासे में अपनी भूमिका बताते हैं लेकिन हकीकत यही है कि सरयू राय ने हीं पूरे मामले का खुलासा किया था।इनके खुलासे के बाद हीं बिहार से जुड़े कई नेता इस केस में कूदे। बाद में इस घोटाले की सीबीआइ जांच हुई।सरयू राय ने चारा घोटाले के दोषियों को सजा दिलाने को लेकर पटना हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक संघर्ष किया।नतीजा यह हुआ कि राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव समेत दर्जनों राजनीतिक नेताओं व अफसरों को जेल जाना पड़ा।लालू प्रसाद आज भी जेल में बंद हैं।

सरयू राय ने 1980 में किसानों को आपूर्ति होने वाले घटिया खाद, बीज, तथा नकली कीटनाशकों का वितरण करने वाली शीर्ष सहकारिता संस्थाओं के विरूद्ध भी आवाज उठायी थी। तब उन्होंने किसानों को मुआवजा दिलाने के लिए सफल आंदोलन किया।इन्होंने हीं संयुक्त बिहार में अलकतरा घोटाले का भी भंडाफोड़ किया था।जिसमें तत्कालीन पथ निर्माण मंत्री इलियास हुसैन आज भी सलाखों के पीछे हैं। इसके अलावे सरयू राय ने झारखंड के खनन घोटाले को उजागर कर सनसनी फैला दी थी।कई बड़े घोटालों के पर्दाफाश के बाद सरयू राय भ्रष्ट अधिकारियों में खौफ के पर्याय बन गए थे।

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